Wednesday, September 22, 2010

सूरज का सन्देश

सूरज सुबह-सुबह आता है,
ये संदेशा लाता है;
नित-नित चलता है जो पथ पे,
मंजिल वो ही पाता है.
सदा चलो तुम, सदा बढ़ो तुम,
आगे बढ़ते जाओगे,
रही चाह जो यही निरंतर,
मंजिल तुम भी पाओगे.

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